Thursday, January 23, 2020

शिव चालीसा का पाठ करने से मिलेगी भोलेनाथ की अपार कृपा, दूर होंगे सारे दुख

Shiv Chalisa in Hindi – सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। कहा जाता है कि शिवजी की आराधना करने वाले जातक को मृत्यु का भय भी नहीं सताता। शिवजी की पूजा में शिव चालीसा का भी उपयोग किया जाता है। शिव चालीसा हिन्दू धार्मिक पुस्तकों में भी वर्णित है। शिव चालीसा का पाठ करने से मिलेगी भोलेनाथ की अपार कृपादूर होंगे सारे दुख। 

शिव चालीसा की महिमा – Shiv Chalisa in Hindi Shiv Chalisa in Hindi

shiv chalisa benefits

  • शिव चालीसा पढ़ने से भगवान शिव की कृपा बनी रहती है, साथ ही भगवान गणेश की भी कृपा मिलती है। 
  • शिव चालीसा पढ़ने वाले भक्तों को मृत्यु या नकारात्मक ऊर्जा का डर नहीं सताता। इससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  • रोग हो या संतान सुख की प्राप्ति, शिव चालीसा का पाठ करना लाभकारी माना गया है।
  • मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए शिव चालीसा का पाठ ज़रूर करना चाहिए।
  • शिव चालीसा के पाठ से पापों का नाश और शत्रुओं से लड़ने की शक्ति मिलती है। 

Shiv Chalisa lyrics in hindi


Shiv Chalisa lyrics in hindi

शिव चालीसा – mahadev chalisa  – Shiv Chalisa lyrics
।।दोहा।।
Shiv Chalisa lyrics in hindi
 श्री गणेश गिरिजा सुवनमंगल मूल सुजान।

कहत अयोध्यादास तुमदेहु अभय वरदान॥
 जय गिरिजापति दीन दयाला,सदा करत सन्तन प्रतिपाला।
भाल चन्द्रमा सोहत नीके,कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहायेमुण्डमाल तन क्षार लगाये।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहेछवि को देख नाग मुनि मोहे॥
मैना मातु की ह्वै दुलारीवाम अंग सोहत छवि न्यारी।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारीकरत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसेसागर मध्य कमल हैं जैसे।
कार्तिक श्याम और गणराऊ,या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारातब ही दुख प्रभु आप निवारा।
किया उपद्रव तारक भारी,देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउलव निमेष महँ मारि गिरायउ।
आप जलंधर असुर संहारा,सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाईसबहिं कृपा कर लीन बचाई।
किया तपहिं भागीरथ भारी,पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं,सेवक स्तुति करत सदाहीं।
वेद नाम महिमा तव गाईअकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वालाजरे सुरासुर भये विहाला।
कीन्ह दया तहँ करी सहाईनीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा,जीत के लंक विभीषण दीन्हा।
सहस कमल में हो रहे धारीकीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोईकमल नयन पूजन चहं सोई।
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकरभये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनंत अविनाशी,करत कृपा सब के घटवासी।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै, भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारोयहि अवसर मोहि आन उबारो।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारोसंकट से मोहि आन उबारो॥
मातु पिता भ्राता सब कोईसंकट में पूछत नहिं कोई।
स्वामी एक है आस तुम्हारीआय हरहु अब संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदाहींजो कोई जांचे वो फल पाहीं।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी, क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशनमंगल कारण विघ्न विनाशन।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैंनारद शारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय, सुर ब्रह्मादिक पार न पाय।
जो यह पाठ करे मन लाई, ता पार होत है शम्भु सहाई॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी,पाठ करे सो पावन हारी।
पुत्र हीन कर इच्छा कोई,निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे,ध्यान पूर्वक होम करावे।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा, तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे,शंकर सम्मुख पाठ सुनावे।
जन्म जन्म के पाप नसावे,अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी,जानि सकल दुःख हरहु हमारी।

Shiv Aarti In Hindi

 ॥दोहा॥
नित्त नेम कर प्रातः हीपाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामनापूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतुसंवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहिंपूर्ण कीन कल्याण॥  
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