Shiv Chalisa in Hindi – सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। कहा जाता है कि शिवजी की आराधना करने वाले जातक को मृत्यु का भय भी नहीं सताता। शिवजी की पूजा में शिव चालीसा का भी उपयोग किया जाता है। शिव चालीसा हिन्दू धार्मिक पुस्तकों में भी वर्णित है। शिव चालीसा का पाठ करने से मिलेगी भोलेनाथ की अपार कृपा, दूर होंगे सारे दुख।
शिव चालीसा की महिमा – Shiv Chalisa in Hindi 
shiv chalisa benefits
- शिव चालीसा पढ़ने से भगवान शिव की कृपा बनी रहती है, साथ ही भगवान गणेश की भी कृपा मिलती है।
- शिव चालीसा पढ़ने वाले भक्तों को मृत्यु या नकारात्मक ऊर्जा का डर नहीं सताता। इससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
- रोग हो या संतान सुख की प्राप्ति, शिव चालीसा का पाठ करना लाभकारी माना गया है।
- मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए शिव चालीसा का पाठ ज़रूर करना चाहिए।
- शिव चालीसा के पाठ से पापों का नाश और शत्रुओं से लड़ने की शक्ति मिलती है।
Shiv Chalisa lyrics in hindi
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Shiv Chalisa lyrics in hindi
शिव चालीसा – mahadev chalisa – Shiv Chalisa lyrics
।।दोहा।।
Shiv Chalisa lyrics in hindi
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
जय गिरिजापति दीन दयाला,सदा करत सन्तन प्रतिपाला।
भाल चन्द्रमा सोहत नीके,कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये, मुण्डमाल तन क्षार लगाये।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे, छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी, वाम अंग सोहत छवि न्यारी।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी, करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे, सागर मध्य कमल हैं जैसे।
कार्तिक श्याम और गणराऊ,या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा, तब ही दुख प्रभु आप निवारा।
किया उपद्रव तारक भारी,देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ, लव निमेष महँ मारि गिरायउ।
आप जलंधर असुर संहारा,सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई, सबहिं कृपा कर लीन बचाई।
किया तपहिं भागीरथ भारी,पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं,सेवक स्तुति करत सदाहीं।
वेद नाम महिमा तव गाई, अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला, जरे सुरासुर भये विहाला।
कीन्ह दया तहँ करी सहाई, नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा,जीत के लंक विभीषण दीन्हा।
सहस कमल में हो रहे धारी, कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई, कमल नयन पूजन चहं सोई।
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर, भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनंत अविनाशी,करत कृपा सब के घटवासी।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै, भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो, यहि अवसर मोहि आन उबारो।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो, संकट से मोहि आन उबारो॥
मातु पिता भ्राता सब कोई, संकट में पूछत नहिं कोई।
स्वामी एक है आस तुम्हारी, आय हरहु अब संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं, जो कोई जांचे वो फल पाहीं।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी, क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन, मंगल कारण विघ्न विनाशन।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं, नारद शारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय, सुर ब्रह्मादिक पार न पाय।
जो यह पाठ करे मन लाई, ता पार होत है शम्भु सहाई॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी,पाठ करे सो पावन हारी।
पुत्र हीन कर इच्छा कोई,निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे,ध्यान पूर्वक होम करावे।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा, तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे,शंकर सम्मुख पाठ सुनावे।
जन्म जन्म के पाप नसावे,अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी,जानि सकल दुःख हरहु हमारी।
Shiv Aarti In Hindi
॥दोहा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहिं, पूर्ण कीन कल्याण॥
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